Monday 15 April 2013

maharana pratap's shayeri



फिका  पडा था तॆज सूरज का ,जब माथा ऊँचा करता था 
फीकी हुई चमक बिजली की ,जब जब आँख खोली प्रताप  ने !!

जब जब तलवार उठी तेरी ,तो दुश्मन टोली डोल गयी 
फीकी पड़ीं दहाड़ शेर की ,जब जब तूने हुंकार भरी !!

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